https://hindswar.news/wp-content/uploads/2024/01/jjujuu.gifछत्तीसगढ़देशयुवाराजनीतिराज्यलोकल न्यूज़

महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में हुआ आगमन —नगर के गाँधी स्टेडियम में बने हेलीपैड पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल ने किया भव्य स्वागत

महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू ने 80 वर्ष के बसंत पण्डो से की भेंट साल देकर किया सम्मानित

आज अंबिकापुर में जनजातीय गौरव दिवस के समापन अवसर पर नगर के पैगाम स्टेडियम में भव्य मंच से भारत के राष्ट्रपति बने द्रौपदी मुर्मू का ऐतिहासिक व गरिमामय आगमन हुआ। राष्ट्रपति के आगमन के साथ ही सरगुजा जिले के मराठा उल्लास, सम्मान और स्वागत की भावना से भर उठे।

 

महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का स्वागत राज्यपाल रामेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया
अंबिकापुर विधायक एवं कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए

राष्ट्रपति मुर्मू के हेलीपैड पर उतरते ही छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने अपने फूलों के प्लास्मों का स्टॉक कर हार्दिक स्वागत किया। दोनों लेखों ने राष्ट्रपति के प्रति आदर सम्मान व्यक्त करते हुए प्रदेशवासियों की ओर से शुभकामनाएँ और अभिनन्दन प्रस्तुतियाँ दीं।

पेजियाट प्लाजा मैदान में भव्य कार्यक्रम के सुरक्षा के साझे इंज़ाम के साथ-साथ स्वागत मंच पर सांस्कृतिक आश्रम का भी विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है। स्थानीय कलाकारों ने जनजातीय पारंपरिक नृत्य एवं वाद्ययंत्रों के स्वामी अतिथि का अभिनंदन किया।

स्वागत के बाद राष्ट्रपति कल्याण मुर्मू ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ केंद्र और राज्य के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदेश के सामाजिक विकास, शिक्षा, जदयू और जन कल्याण की प्रगति पर चर्चा की। इसमें शामिल होना जरूरी है। जनजातीय समुदाय के भगवान बिरसा मुंडा जी के इस 150 वर्ष पूर्ण होने की गौरवगाथा के बारे में चर्चा करते हुए कहा गया है कि स्वतंत्रता संग्राम के समय भगवान बिरसा मुंडा जी ने बस्ती का जीना हराम कर दिया था, अंग्रेजी समुदाय के लोग बिरसा मुंडा के नाम से खफालाहे थे। जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।

इसके बाद राष्ट्रपति अंबिकापुर नगर में आयोजित कार्यक्रम की श्रंखला में शामिल हुए और जनजातीय परंपरा से सजे स्टालों की भव्यता की। 1952 के बाद सन 1952 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति स्व. राजेंद्र प्रसाद जी का सरगुजा में प्रथम आगमन हुआ था, उस समय वे पंडोनगर में कुछ समय के लिए निर्धारित समय पर थे, उस दौरान 6 वर्ष के गोलू पांडो को उनके गोद में लेकर बसंत पांडो का जन्म हुआ था और उनके दत्तक पुत्र तब पूरे भारत में विशेष गोस्वामी जनजाति पांडो समुदाय के राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने गए थे। सन 1952 में जो बच्चा 6 साल का था आज देखें बसंत पंडो 80 साल का हो गया है जिसमें राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने साथ मिलकर साल पुराने कलाकार और कुशलक्षेम तेला और अपना बेटा कहा। इस पल से बसंत पंडो ने भावुक राष्ट्रपति से अपनी बात रखी। बसंत पांडो के वैज्ञानिक जो इस यात्रा का ऐतिहासिक क्षण सिद्ध हुए।

सरगुजा जिले के अंबिकापुर नगर में महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू का स्नेहपूर्ण एवं ऐतिहासिक आगमन हुआ। क्षेत्र में उनके आगमन पर उत्साह एवं गौरव की भावना का स्वागत किया जा रहा है।

कार्यक्रम के बाद महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू ने स्थानीय धार्मिक, गैरसरकारी एवं आम अधिकारियों से आत्मीय उद्योग की शुरुआत की। यह सरगुजा क्षेत्र के समस्त जनजातीय समुदाय के गौरव का प्रतिनिधित्व करने के लिए है।

राष्ट्रपति के आगमन पर इस भव्य समारोह को सफल बनाने में जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, नगर निगम और स्थानीय ढांचे ने आगमन कार्यक्रम की सफल व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!